Wednesday 7 September 2011

Illegal Rule to kill the RTI in Bihar

सूचना कानून के प्रावधानों के खिलाफ है बिहार की आरटीआइ फीस नियमावली, इससे तो सुशासन की हत्या हुई

सूचना कानून को सुशासन का सबसे कारगर हथियार माना गया है. नीतीश कुमार अगर सचमुच सुशासन लाना चाहते तो सूचना कानून को पूरी तरह लागू करते. लेकिन सूचना मांगने वालों को प्रताडि़त करने की सबसे ज्यादा शिकायतें बिहार से ही आती हैं. बिहार सरकार ने आरटीआइ फीस नियमावली में संशोधन के बहाने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध कदम उठाया है. READ

Tuesday 6 September 2011

BCCI can not escape from RTI

Here is a sample application to obtain information from any PRIVATE BODY

RTI Act says, a Public Authority includes those NGOs also, which are substantially financed, directly or indirectly by govt. funds. BCCI is not providing information. But still we have a different way to obtain any information from BCCI. Sample application

Sunday 4 September 2011

हम अन्ना के साथ हैं

क्योंकि घूस दिये बगैर हमारा कोई काम नहीं होता
और अगर होता भी है तो जूतियां घिस जाती हैं
हमारे हिस्से का राशन चोरी हो जाता है और पेंशन नहीं मिलती
और क्योंकि घूस के कारण हमारा जीवन नरक हो गया है
जबकि अफसरों और नेताओं के हिस्से पूरा स्वर्ग है
और क्योंकि हमारी मेहनत की कमाई काले धन में बदल जाती है
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आरटीआइ एक्टिविस्ट शेहला मसूद की हत्या पर

भोपाल में सूचनाधिकार कार्यकर्त्ता शेहला मसूद की हत्या चिंताजनक है। शेहला लोकतांत्रिक लड़ाई में सूचना कानून का बखूबी उपयोग कर रही थीं। अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि भ्रष्टाचार विरोधी नागरिकों को संरक्षण देना सरकार का दायित्व है। जबकि सरकारी लोकपाल विधेयक इस मामले में खामोश है। उल्टे, भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले नागरिकों को जेल भेजने का पूरा इंजताम कर दिया गया है। आज प्रतिरोध की ताकतों के लिए सूचना कानून एक बड़ी ताकत के रूप में सामने आया है। साल भर में 14 आरटीआई कार्यकर्त्ताओं की हत्या इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। विष्णु राजगढ़िया