आरटीआइ एक्टिविस्ट शेहला मसूद की हत्या पर
भोपाल में सूचनाधिकार कार्यकर्त्ता शेहला मसूद की हत्या चिंताजनक है। शेहला लोकतांत्रिक लड़ाई में सूचना कानून का बखूबी उपयोग कर रही थीं। अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि भ्रष्टाचार विरोधी नागरिकों को संरक्षण देना सरकार का दायित्व है। जबकि सरकारी लोकपाल विधेयक इस मामले में खामोश है। उल्टे, भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले नागरिकों को जेल भेजने का पूरा इंजताम कर दिया गया है। आज प्रतिरोध की ताकतों के लिए सूचना कानून एक बड़ी ताकत के रूप में सामने आया है। साल भर में 14 आरटीआई कार्यकर्त्ताओं की हत्या इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। विष्णु राजगढ़िया
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